“क्या आप भी हर सुबह ये सोचकर उठते हैं – ‘आज मैं कुछ बड़ा करूंगा’, लेकिन दिन के अंत में महसूस करते हैं कि कुछ खास नहीं किया? क्या आपके पास ढेर सारे सपने हैं, लेकिन आलस की वजह से आप उन्हें पूरा नहीं कर पा रहे? दोस्तों, आलस कोई साधारण आदत नहीं, ये एक छुपा हुआ चोर है… जो हमारा समय, हमारी ऊर्जा और हमारे सपनों को चुरा लेता है। लेकिन अच्छी बात ये है – इसे हराना नामुमकिन नहीं है। आज इस लेख में आपको आलस को हराने के 7 तरीके बताऊंगा, जो न सिर्फ आलस को तोड़ेंगे बल्कि आपको जिंदगी में आगे बढ़ाएंगे।
आलस को हराने के 7 तरीके:-

1. अपनी सोच बदलें– ‘मैं कर सकता हूँ’ मानसिकता अपनाएँ
हमारी सोच हमारी आदतों को बनाती है, और आदतें हमारी ज़िंदगी को। आलस की शुरुआत दिमाग में होती है, जब हम खुद को ये यकीन दिला देते हैं कि– “ये काम मुश्किल है”, “अभी नहीं होगा”, “कल करूंगा”।
ये वाक्य सुनने में मामूली लगते हैं, लेकिन ये हमारे दिमाग के लिए आदेश की तरह होते हैं। जैसे ही आप सोचते हैं कि कोई काम अभी नहीं करना, आपका मस्तिष्क तुरंत आराम मोड में चला जाता है, और आपको थकान महसूस होने लगती है– भले ही आपका शरीर बिलकुल ठीक हो।
इसे बदलने का तरीका है– Positive Self-Talk। खुद से ऐसे वाक्य कहें जो आपको एक्शन में डालें, जैसे– “मैं अभी शुरू करता हूँ”, “ये आसान है”, “मैं कर सकता हूँ”।
हर सुबह उठते ही आईने में देखें और खुद से कहें–
“आज मैं टालूंगा नहीं, आज मैं जीतूंगा।”
साइकोलॉजिकल रिसर्च कहती है कि हमारा दिमाग वही मानता है जो हम बार-बार कहते हैं। तो क्यों न हम अपने दिमाग को सफलता का आदेश दें?
- सुबह 5 मिनट बैठकर दिन की तीन सबसे ज़रूरी चीज़ें लिखें।
- उन्हें ज़ोर से पढ़कर कहें – “मैं ये करूंगा और पूरा करूंगा।”
- इस लिस्ट को दिनभर अपने सामने रखें।
जब आप रोज़ ये करते हैं, आपका दिमाग आपको टालने के बजाय तुरंत शुरू करने के लिए तैयार कर देगा। ये आदत कुछ ही हफ्तों में आपका पूरा नज़रिया बदल देगी।
2. छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और तुरंत शुरू करें
हम अक्सर आलस इसलिए करते हैं क्योंकि हमारा दिमाग बड़े काम को देखकर डर जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको 100 पेज पढ़ने हैं, तो दिमाग तुरंत कहेगा– “ये तो बहुत लंबा है”, और आप उसे टाल देंगे।
Break It Down यानी काम को छोटे हिस्सों में तोड़ दें।
अगर आपको 100 पेज पढ़ने हैं, तो कहें– “पहले सिर्फ 5 पेज पढ़ूंगा”।
अगर आपको घर साफ़ करना है, तो कहें– “पहले सिर्फ ये टेबल साफ़ करता हूँ”।
ये तरीका दिमाग को “शुरू करने” की इजाज़त देता है, क्योंकि छोटा लक्ष्य आसान लगता है। और जब आप शुरू कर देते हैं, तो मूमेंटम बन जाता है– यानी एक बार चलना शुरू कर दें, तो आगे बढ़ना आसान हो जाता है।
इसे वैज्ञानिक भाषा में “Zeigarnik Effect” कहते हैं– जब हम कोई काम शुरू कर देते हैं, तो हमारा दिमाग उसे अधूरा छोड़ना पसंद नहीं करता, और हमें उसे पूरा करने के लिए धकेलता है।
- अपने बड़े टास्क को To-Do List में छोटे-छोटे पॉइंट्स में लिखें।
- हर पूरे हुए टास्क पर ✔️ लगाएं।
ये ✔️ आपके दिमाग को इनाम जैसा लगेगा और आपको अगले टास्क की तरफ खींचेगा।
3. ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को हटाएँ
आज के ज़माने में आलस का सबसे बड़ा कारण है– Distraction Overload।
सोशल मीडिया, नोटिफिकेशन, ऑनलाइन गेम्स और OTT प्लेटफॉर्म्स हमारी फोकस पावर को खा जाते हैं। दिमाग को हर सेकंड नई उत्तेजना (dopamine hit) मिलने लगती है, और असली काम बोरिंग लगने लगता है।
इसे रोकने का तरीका है – Controlled Environment बनाना।
- काम के समय मोबाइल को Silent या Airplane Mode में डालें।
- सोशल मीडिया के लिए एक तय समय रखें, जैसे रात में 20 मिनट।
- कार्यस्थल साफ़-सुथरा रखें, ताकि दिमाग को सिग्नल मिले – “यहाँ काम होता है”।
एक और कमाल की तकनीक है – Pomodoro Technique। इसमें आप 25 मिनट काम करते हैं और फिर 5 मिनट का ब्रेक लेते हैं। ये छोटे स्प्रिंट्स दिमाग को थकने नहीं देते और फोकस बनाए रखते हैं।
याद रखें – आलस बोरियत से आता है, और बोरियत डिस्ट्रैक्शन ढूंढती है। अगर आप माहौल को फोकस-फ्रेंडली बना देंगे, तो आलस का चक्र टूट जाएगा।
4. अपने शरीर को ऊर्जा दें– सही खानपान और नींद
आलस सिर्फ दिमाग का मामला नहीं है, ये हमारे शरीर की स्थिति से भी जुड़ा है। अगर आपका शरीर थका हुआ है, नींद पूरी नहीं है, या पोषण की कमी है, तो चाहे जितनी भी प्रेरणा हो – आप लंबे समय तक काम नहीं कर पाएंगे।
नींद सिर्फ आराम नहीं देती, बल्कि आपके दिमाग और शरीर को रीचार्ज करती है। नींद के दौरान आपका दिमाग दिनभर की यादों को व्यवस्थित करता है, मसल्स रिपेयर होते हैं, और ऊर्जा वापस आती है। यदि आप रोज़ 6-8 घंटे की अच्छी नींद नहीं लेते, तो दिमाग सुस्त महसूस करेगा, और आलस अपने आप बढ़ जाएगा।
यहाँ एक नियम अपनाएँ– सोने और उठने का समय फिक्स करें, यहाँ तक कि छुट्टियों में भी। खानपान में जंक फ़ूड, ज़्यादा शुगर, और प्रोसेस्ड स्नैक्स तुरंत ऊर्जा देते हैं, लेकिन बाद में आपको और ज़्यादा थका देते हैं– इसे “sugar crash” कहते हैं।
इसके बजाय ताज़े फल, सब्ज़ियाँ, प्रोटीन और होल ग्रेन्स खाएँ। सुबह का नाश्ता स्किप न करें, क्योंकि खाली पेट दिमाग सुस्त हो जाता है।
पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) भी आलस का एक बड़ा कारण है। जब शरीर में पानी कम होता है, तो ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन लेवल घटता है, जिससे दिमाग को काम करने में मुश्किल होती है।
दिनभर कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएँ। रोज़ 10-15 मिनट की हल्की एक्सरसाइज़– जैसे वॉक, योगा, या स्ट्रेचिंग– आपके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है और दिमाग को एक्टिव रखती है।
अगर ऑफिस या घर में बैठकर काम करते हैं, तो हर 1 घंटे में 2-3 मिनट के लिए उठें और थोड़ा स्ट्रेच करें। याद रखें– थका हुआ शरीर आलसी दिमाग को जन्म देता है। अगर शरीर फिट और एनर्जेटिक होगा, तो आलस अपने आप कम हो जाएगा।
5. खुद को ज़िम्मेदार बनाएं
जब आप अकेले किसी लक्ष्य पर काम करते हैं, तो आलस को बढ़त मिल सकती है, क्योंकि आपको रोकने या टोकने वाला कोई नहीं होता।
लेकिन जब आपको पता हो कि कोई आपकी प्रगति पर नज़र रख रहा है, तो आप टालने से पहले दो बार सोचेंगे। यही है “Accountability Principle”।
“Accountability Partner” का मतलब है– कोई ऐसा इंसान जो आपके लक्ष्य को जानता हो और नियमित रूप से आपसे उसकी प्रगति पूछे। ये दोस्त, परिवार का सदस्य, मेंटर या कोच हो सकता है।
जब आप किसी को बताते हैं– “मैं ये काम इस तारीख तक पूरा करूंगा”– तो आप अपने शब्द के प्रति ज़िम्मेदार महसूस करने लगते हैं।
- अपने बड़े लक्ष्य को लिखें और अपने Accountability Partner को भेजें।
- एक फिक्स समय तय करें– जैसे हर शाम या हफ़्ते में दो बार– जब आप अपनी प्रगति रिपोर्ट देंगे।
- अगर आप लक्ष्य पूरा नहीं करते, तो उसे बताएं क्यों और अगली बार के लिए सुधार की योजना बनाएं।
आप सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण– अगर आप फिटनेस गोल पर काम कर रहे हैं, तो इंस्टाग्राम पर हर दिन अपनी प्रगति पोस्ट करें। लोग आपसे अपडेट की उम्मीद करेंगे, और ये दबाव आपको आलस से दूर रखेगा।
6. खुद को इनाम दें– Reward System अपनाएं
हमारा दिमाग इनाम (reward) के लिए प्रोग्राम किया गया है। जब हम कोई टास्क पूरा करते हैं और इनाम पाते हैं, तो दिमाग डोपामिन रिलीज़ करता है– ये हमें अच्छा महसूस कराता है और हमें फिर से काम करने के लिए प्रेरित करता है।
इसलिए, हर टास्क के बाद खुद को एक छोटा इनाम दें।
- कोई रिपोर्ट पूरी करने के बाद अपना पसंदीदा गाना सुनें।
- पढ़ाई ख़त्म करने के बाद अपनी पसंदीदा चाय पिएँ।
- वर्कआउट पूरा करने के बाद हल्का-सा मीठा खाएँ।
ध्यान रखें– इनाम छोटा होना चाहिए, ताकि ये खुद आलस का कारण न बन जाए।
ये तकनीक लंबे समय तक काम करने में मदद करती है, क्योंकि दिमाग जानता है कि मेहनत का फल तुरंत मिलने वाला है।
7. आत्मअनुशासन को आदत बनाएं:
मोटिवेशन आपको शुरुआत कराता है, लेकिन मंज़िल तक ले जाने का काम “अनुशासन (discipline)” करता है। अगर आप चाहते हैं कि आलस हमेशा के लिए ख़त्म हो जाए, तो आत्मअनुशासन को अपनी लाइफ़ का हिस्सा बनाना होगा।
कैसे बनाएं अनुशासन:
- हर दिन एक ही समय पर उठें और सोएं।
- अपने दिन की पहले से प्लानिंग करें।
- बहानों को पहचानें और उन्हें ख़त्म करें।
शुरुआत में मुश्किल लगेगा– आपका दिमाग आपको कहेगा “कल से शुरू करूँगा”। लेकिन अगर आप 21 से 30 दिन लगातार एक ही पैटर्न पर चलते रहे, तो ये आपकी आदत बन जाएगी।
याद रखें “Just 5 Minutes Rule”। किसी भी काम को बस 5 मिनट के लिए शुरू करें। ज़्यादातर मामलों में, आप 5 मिनट बाद रुकना नहीं चाहेंगे।
जब अनुशासन आपकी आदत बन जाएगा, तो आपको आलस से लड़ने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी – क्योंकि आपका दिमाग और शरीर अपने आप एक्शन मोड में रहेंगे।
दोस्तों, आलस को हराना किसी जादू से नहीं होगा – ये छोटे-छोटे बदलावों से होगा।
आज से अपनी सोच बदलें, छोटे लक्ष्य बनाएं, डिस्ट्रैक्शन हटाएँ, शरीर को एनर्जी दें, ज़िम्मेदार बनें, खुद को इनाम दें और अनुशासन अपनाएँ।
चलिए, अब पहला क़दम उठाइए– क्योंकि आपके सपनों से ज़्यादा क़ीमती कुछ नहीं।