सफलता का पथ जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यह पथ अकेले में चलने वालों के लिए आवश्यक नहीं है। एक सफल जीवन जीने के लिए, आपको अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने की आवश्यकता होती है। यह सवाल आता है कि सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण क्यों जरूरी है? चलिए, इस विचार को गहराई से समझते हैं।
सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण करना क्यों जरुरी है ?( Why is setting goals important for success? 2023)
लक्ष्यहीनता असफलता का मुख्यकारण:-TARGET, GOAL, AIM आदि शब्दों का प्रयोग हम लक्ष्य को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।लेकिन आज के समय में ज्यादातर छात्र अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते।उनको पता ही नहीं होता की वो जीवन में क्या करना या बनना चाहते हैं वो लोगों के कहने पर या किसी की देखा-देखी कई परीक्षाओं के पीछे भागता रहता है जिस तरह सूखे पत्ते हवा के थपेड़ों से इधर उधर उड़ते रहते है उनका यह पता नहीं होता की वो किस दिशा में जायेंगे वो ही हाल लक्ष्यहीन छात्र का होता है |वो इधर-उधर भटकता रहता है और अपने अभीष्ट लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
1. मार्गदर्शन प्रदान करता है: लक्ष्य निर्धारण करने से आपको अपने जीवन के मार्ग का पता चलता है। यह आपको यह बताता है कि आप किस दिशा में जा रहे हैं, कैसे पहुंचेंगे, और क्या उपाय अपनाने चाहिए। बिना लक्ष्य के, आप जीवन को सवारी के तरीके के रूप में देखते हैं, जिसमें आपको अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक साफ मार्ग की आवश्यकता होती है।
2. मोटिवेशन प्रदान करता है: लक्ष्य निर्धारण आपको मोटिवेट करता है। जब आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य होता है, तो आपको उसे प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने का मिलता है। यह उत्साह और संवादना पैदा करता है और आपको उद्यमित और प्रतिबद्ध रहने में मदद करता है।
3. मापांकन देता है: लक्ष्य निर्धारण आपको आपकी प्रगति को मापने में मदद करता है। यह आपको यह जानने में मदद करता है कि आप कितने पास हैं और कितना और काम करना है ताकि आप अपने लक्ष्य को पूरा कर सकें। लक्ष्य के अभिवादन के साथ, आप अपने कार्यों की गुणवत्ता को संज्ञान में लेते हैं और आवश्यक सुधार कर सकते हैं।
4. संरचना प्रदान करता है: लक्ष्य निर्धारण आपको आपके कार्यों को संरचित और व्यवस्थित रूप से कैसे करना है, इसका एक योजना बनाने में मदद करता है। यह आपको विभिन्न चरणों में कैसे आगे बढ़ना है, यह तय करने में मदद करता है और आपको आपके लक्ष्य के प्रति संविचित बनाता है।
5. मोटिवेशन और समर्थन बढ़ाता है: जब आप अपने लक्ष्य को पूरा करते हैं, तो आपको आत्म-संतोष की भावना और आत्म-विश्वास मिलता है। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ता है और आपको और अधिक उत्साहित बनाता है कि आप अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सक्षम हैं।
6. संजीवनी शक्ति प्रदान करता है: लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में काम करने से सफलता की भावना और आत्म-विश्वास बढ़ता है, जिससे आपकी मानसिक स्थिति भी सुधरती है। यह आपको कठिनाइयों और चुनौतियों के साथ लड़ने की प्राप्ति करता है और आपको निरंतर अग्रसर बनाता है।
2.लक्ष्यनिर्धारण सफलता की कुंजी:-
दोस्तों आपने कई छात्रों से यह कहते हुए सुना होगा की मेरा लक्ष्य साफ है।मैं अमुख परीक्षा की तैयारी करूँगा|और किसी की नहीं।मैं वह बनकर ही रहूँगा। इसका मतलब है उसने अपना लक्ष्य निर्धारण कर लिया है और उसने उस पर काम करना भी शुरू कर दिया होगा।
इसी प्रकार सभी छात्रों को अपना लक्ष्य निर्धारण करना चाहिए क्योंकि लक्ष्य निर्धारण के बाद किसी भी कार्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष :- लक्ष्य निर्धारण के बाद हमें उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित रास्ता,संसाधन व कितनी मेहनत जरुरी है इसका अनुमान लग जाता है। जिससे विपरीत परिस्थितियों के बाद भी उस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। महाभारत का प्रसंग (अर्जुन-चिड़िया की आँख )आप सबको पता है। बस यही छात्रों को करना है . अपना निशाना सिर्फ और सिर्फ लक्ष्य पर लगाना है।
अत:अपना लक्ष्य निर्धारण करो,फिर देखो सफलता आपके क़दमों में होगी।
इसीलिए कहा गया है ,लक्ष्य निर्धारण सफलता की कुंजी है।