वर्तमान में एक शब्द बहुत सुनने को मिलता है ,चाहे बच्चा हो,जवान हो या बूढ़ा व्यक्ति | वो शब्द है मूड ख़राब है या मूड ख़राब मत | आजकल ऐसा क्यों हो रहा है कि इंसान मूड का गुलाम बन गया है इसको जानने की कोशिश करतें हैं |
आज के भाग दौड़ भरे जीवन में प्रत्येक व्यक्ति बहुत ही मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहा है।इसका कारण है नौकरी या बॉस की टेंशन,काम का बोझ,महंगाई,बेरोजगारी,सामाजिक स्टेट्स,बच्चों पर पढ़ाई का बोझ या पारिवारिक गृह-क्लेश | इन सब की वजह से छोटी छोटी बातों पर गुस्सा होना इंसान की आदत बन चुकी है और इसी मानसिक तनाव की वजह से वो कभी भी उचित निर्णय नहीं ले पाता और झुंझलाहट की वजह से फिर किसी भी काम को करने का मन नहीं करता और यही शब्द बोलता है कि मुझे कुछ मत बोलो मेरा मूड ख़राब है |
मूड का गुलाम: slave of mood.
हम अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करके इस समस्या से काफी हद तक बच सकते हैं और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं|
वही मनुष्य स्वतंत्र होता है,जिसका अपने मन पर पूर्ण अधिकार और शासन होता है ,जो अपने मन का गुलाम( slave of mood) नहीं बल्कि मन को अपना गुलाम बनाता जिस प्रकार एक बलिष्ठ व्यक्ति से उसके शत्रु सदा डरते हैं ,उसी प्रकार भी अपने मन को वश में करके इन मानसिक शक्तियों को परास्त कर उन्हें सदा भयभीत रख सकते हैं। जो व्यक्ति प्रातःकाल उठकर मूड की बात सोचता है,वह चाहे कितना भी कुशल कार्यकर्ता क्यों न हो,वह बहुत अधिक अच्छा व सराहनीय कार्य नहीं कर सकेगा क्योंकि वह थके मूड का गुलाम है ।
ऐसे ही जो प्रातः काल उठते ही सर्दी अथवा गर्मी को नापने लगता है और देखने लगता है सफलता और प्रसन्नता प्राप्त करने में सफल नहीं हो सकता । कि पारा चढ़ रहा है या उतर रहा है । वह भी( slave of mood)मूड का गुलाम ही है। वह कभी इसके विपरीत जो व्यक्ति प्रातः काल उठते ही अपनी दृढ इच्छाशक्ति को प्रबल बनाता है ।
अपने विश्वास को दृढ़ रखता है,अपने उद्देश्य के प्रति एक रहता है,वह अपनी सर्वोत्तम शक्तियां,योग्यताएं और क्षमताएं उस कार्य में लगा वह न केवल मूड की परवाह करता है न परिस्थितियों को देखता है । बस एकटक अपने कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प रहता है । वह तुच्छ और हीन विचारों को पास भी नहीं फटकने देता । उसकी सफलता को कोई भी रोक नहीं सकता ।
जिसे किसी प्रकार का कोई भय न हो जिसे अनावश्यक चिंता नहीं है केवल वही सर्वोत्तम और स्वतंत्र कार्य करता है । इसमें तनिक -सा भी संदेह नहीं कि इस प्रकार का उच्च आत्म – नियंत्रण , इस प्रकार की आत्मा की शांति किसी शक्तिशाली व्यक्ति में ही पाई जाती है और ऐसा व्यक्ति कोई विरला ही होता है , जो हर समय अपनी चित्तवृत्तियों को अपने वश में किए रहता है । इसमें कोई संदेह नहीं कि इस प्रकार का आत्म – नियंत्रण और आत्म – संयम प्राप्त किए बिना कोई भी व्यक्ति किसी भी महान कार्य को पूरा नहीं कर सकता ।
सत्य बात तो यह है कि जो व्यक्ति आत्मा के बल को नियंत्रण में रखेगा , वही जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है । इसमें संशय नहीं कि इस प्रकार का आत्मनियंत्रण प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत कठिन है , किंतु प्रयत्न करने से इस प्रकार की शक्तियों को एक दिशा में लगाया जा सकता है , उन्हें किसी अच्छे कार्य की ओर नियोजित किया जा सकता है । जब व्यक्ति अपने मानसिक विचारों को वश में कर लेता है , तब वह उन व्यक्तियों से ईर्ष्या करना छोड़ देता है , जिसके महान कार्य को देखकर पहले वह अचंभित हो जाया करता था ।
ऐसा करने पर उसमें उच्च , महान और जटिल कार्यों को करने की शक्ति उत्पन्न हो जाती है । इस शक्ति के द्वारा वह अपने उद्देश्य ओर निरंतर आगे बढ़ता जाता है । उसकी कल्पनाशक्ति प्रखर हो जाती है । परिस्थितियां भी उसके अनुकूल हो जाती हैं , ऐसे व्यक्तियों के लिए असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं ।
इसलिए जो इंसान मूड का गुलाम न बनकर अगर उसको गुलाम बनाए रखे तो जीवन में उन्नति प्राप्त कर सकता है और सुखमय जीवन व्यतीत कर सकता है| मानसिक शांति प्राप्त किये बिना इंसान कभी खुश नहीं रह सकता| इसलिए मन जब भी विचारों पर हावी होने लगे उसको वश में करने के लिए निचे दिए गए उपाय जरूर करें ताकि उसको वश में रखा जा सके।
अपना मन पसंद संगीत सुनना,दिल खोलकर नाचना,अपनी मन पसंद आर्ट बनाना ,अपनी भावनाओं को शब्द देना,कसरत करना,अपनी पसंद की किताबें पढ़ना,अपनी पसंद का खाना पकाना या अपने सबसे प्रिय से बात।
क्या आपके साथ भी ऐसा ही है। अपने विचार साझा जरूर करें।